मंगलवार, 24 मार्च 2009

ही, आज तक मेरा ब्लॉग शायद किसी ने पड़ा नही या पसंद नही आया तभी किसी ने मुझे जवाब नही दिया। ठीक हे आप लोग मुझे सुझाव दे । अब मेरे बच्चो की छुट्टिया लग गई हे, आब शायद ही समय मिलेगा मुझे ब्लोगिंग का । बेटा छोटा हे बहुत ही परेशां करता हे । बेबी बड़ी हे और शांत हे , अपने मन से पंटिंग कराती रहती हे, टीवी देखा कराती हे, में चाहती हु मेरा ब्लॉग ग्रहनिया पड़े .ताकि में आगे लिखने का विषय सोच सकू। आप जवाब देंगे तो मुझे समझ आएगा की में सही लिख रही हु या ग़लत। जवाब जरुर देना। थैंक्स.

7 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसे ही लिखते रहिये अभी तो शुरुआत है धीर धीरे पढने वाले भी मिल जायेगे
    कहावत है एक अच्छी कहानी लिखने के लिए १०० अच्छी कहानी पढ़नी पड़ती है
    आपका वीनस केसरी

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  2. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है। आपके नए लेखों का इन्तजार है। खूब लिखें।

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  3. likhti rahiye . achchha bhi zaroor hoga . aap apne smran likh sakti hain . grihasth jeevan jeena to apne aap main kaie saari zindagi jeene ke baraabar hai aur usmain dher saari kahaaniyaan chhupi padi hain . aap bas unko yaani apne anubhavon ko shabdon main dhaalte jaaiye fir dekhiye kaisi achchhi kahaani banti hai .

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  4. पठनीयता की समस्या हर विधा में है ... ब्लाग अछूता कैसे रहेगा .. हर कोई अपना पढ़वाना चाहता है , खुद किसी और का लिखा पढ़ना नही चाहता , लिखते रहिये .. दूकान में माल अच्छा होगा तो ग्राहक आ ही जायेंगे . ..औरो के ब्लाग भी पढ़ें ...

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  5. sabse pahle ....un sab dosto or main khud aapse maafi chahata hui ki aapke blog par koi tippdi nahi kar saka..........lakin yakeen maniye maine aapka pahla post aaj pada hai???

    likhte rahe swagat hai.....mere blog par bhi dastak dain......


    Jai Ho Mangalmay Ho..

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