शनिवार, 4 अप्रैल 2009

संयुक्त परिवार में रहने का dukh

हाय कल मेरे बच्चो का रिजल्ट आ गया हे, बेबी के ५थ में ९६ प्रतिशत बने हे और बाबा के केजी २ में ९० प्रतिशत बने हे। बहुत खुश हु बच्चो की सफलता से ,। आज जरा मुद ख़राब हे, घर में थोडी खटपट हो गई , संयुक्त परिवार में रहना एक महिला के लिए सजा होती हे, बच्चों को अच्ची परवरिश मिलाती हे, पति को अपने माँ-बाप का प्यार ताउम्र मिलता हे, पर महिला जिंदगी भर अपने घर के लिए तरसती रहती हे, क्योकि घर तो सास-ससुर का होता हे जिसका गाहे-बगाहे जिक्र हो ही जाता हे, बंधन अलग सहने पड़ते हे, ख़ुद की प्रायवेसी तो कोई चीज होती ही नही हे, बाकि सब की सुविधा के अनुसार जीते हुए कोई जी सकता हे भला, अपने मन के कपडे, खाना कुछ भी नही रहता हे संयुक्त परिवार में।