शनिवार, 4 अप्रैल 2009

संयुक्त परिवार में रहने का dukh

हाय कल मेरे बच्चो का रिजल्ट आ गया हे, बेबी के ५थ में ९६ प्रतिशत बने हे और बाबा के केजी २ में ९० प्रतिशत बने हे। बहुत खुश हु बच्चो की सफलता से ,। आज जरा मुद ख़राब हे, घर में थोडी खटपट हो गई , संयुक्त परिवार में रहना एक महिला के लिए सजा होती हे, बच्चों को अच्ची परवरिश मिलाती हे, पति को अपने माँ-बाप का प्यार ताउम्र मिलता हे, पर महिला जिंदगी भर अपने घर के लिए तरसती रहती हे, क्योकि घर तो सास-ससुर का होता हे जिसका गाहे-बगाहे जिक्र हो ही जाता हे, बंधन अलग सहने पड़ते हे, ख़ुद की प्रायवेसी तो कोई चीज होती ही नही हे, बाकि सब की सुविधा के अनुसार जीते हुए कोई जी सकता हे भला, अपने मन के कपडे, खाना कुछ भी नही रहता हे संयुक्त परिवार में।

मंगलवार, 31 मार्च 2009

ब्लॉग पड़ने का तरीका बताये

कल आप सब लोगो की टिप्पणिया पड़ी। आप सब का थैंक्स । लिखने का शोक हे सोचती हु तो बहुत अच्छे विचार आते हे पैर जब लिखती हूँ तो सब गड़बड़हो जाता हे। भाषा बदल जाती हे। विचारो का तालमेल सही नही रहता हे आब से कोशिश करुँगी की जब सोचु तभी लिख लू। पर काम करते वक़्त विचार आते हे और तब लिख नही सकती। चलिए आगे कोशिश करुँगी। में आप सबके ब्लॉग पड़ना चाहती हु। मुझे इसका तरीका बताये। थैंक्स।

शनिवार, 28 मार्च 2009

me

हाय, सबसे पहले में उन सब लोगो का शुक्रिया अदा करना चाहतिब हु जो मुझे ईमेल करते हे, पैर मुझे किसीने यह नही लिखा की मेरा ब्लॉग केसा हे। में इस क्षेत्र में नयी हु इसलिए मुझे अभी अच्छे से लिखना नही आता हे आप लोग मेरा मार्गदर्शन नही करेंगे तो में अच्छा लिखना केसे सीखूंगी। इसलिए मेरा ब्लॉग को पड़े और मुझे गाइड करे। थैंक्स.

मंगलवार, 24 मार्च 2009

ही, आज तक मेरा ब्लॉग शायद किसी ने पड़ा नही या पसंद नही आया तभी किसी ने मुझे जवाब नही दिया। ठीक हे आप लोग मुझे सुझाव दे । अब मेरे बच्चो की छुट्टिया लग गई हे, आब शायद ही समय मिलेगा मुझे ब्लोगिंग का । बेटा छोटा हे बहुत ही परेशां करता हे । बेबी बड़ी हे और शांत हे , अपने मन से पंटिंग कराती रहती हे, टीवी देखा कराती हे, में चाहती हु मेरा ब्लॉग ग्रहनिया पड़े .ताकि में आगे लिखने का विषय सोच सकू। आप जवाब देंगे तो मुझे समझ आएगा की में सही लिख रही हु या ग़लत। जवाब जरुर देना। थैंक्स.

सोमवार, 16 मार्च 2009

हाय, कल का ब्लॉग केसा लगा बताना .आज नईदुनिया पेपर में एक लेख आया की देल्हि६ का गाना सास गली देवे, नन्द चुटकी लेवे, ससुराल गेंदा फुल , महिलाओ के ऊपर अत्याचार को दर्शाता हे, लिखने वाले ने गाने की अगली वाली लाइंस नहीं पड़ी शायद ,क्योकि बाद में देवरजी समझा लेवे , के साथ देवर, ननद, पति का प्यार भी तो बताया हे, तो सिर्फ एक लाइन को लेकर अत्याचार का नाम क्यों दिया जावे, अगर आप भी मेरी बात से सहमत हो तो जवाब जरुर देवे, bye